कई मर्दों से संबंध बना चुकी औरतो की पहचान क्या होती है kai mardon se sambandh banaa chuki aurat ki pahchan kya hoti hai

एक से अधिक मर्द के साथ संबंध बन चुकी औरत की कुछ पहचान होती है। लक्षणों के आधार पर बता सकते हैं कि यह औरत कई मर्दों के साथ शारीरिक संबंध बना चुकी है । कुछ इशारे और संकेत ऐसे होते हैं जिनसे पता चलता है कि वह औरत कई मर्दों से संबंध बन चुकी है। ऐसी औरतों की पहचान करना बहुत ही आसान होता है।

कई मर्दों से संबंध बना चुकी औरतो की पहचान क्या होती है

कई मर्द से संबंध बनाकर चुकी औरत की पहचान पति आसानी से कर सकता है। दूसरे मर्द भी कई मर्द से संबंध बन चुकी औरत की पहचान लक्षणों के आधार पर कर सकते हैं।

1 . बातचीत: बातचीत के आधार पर बहुत ही आसानी से पता चल जाता है कि वह औरत कई मर्दों से संबंध बना चुकी है। जो औरत बहुत ज्यादा बातुनी होती है और बोलने में हिचकीचाती नहीं है और शर्म भी नहीं करती है ऐसी औरतें कई मर्दों से संबंध बना चुकी होती है यह इस तरह की औरतों की पहचान होती है ।

शारीरिक और मानसिक स्थिति से : औरत की शारीरिक और मानसिक स्थिति से यह आसानी से पता चल जाता है कि औरत कई मर्दों से संबंध बन चुकी है या नहीं । जो औरत कई मर्दों से शारीरिक संबंध बना चुकी होती है वह औरत हमेशा उन्हें मर्दों के बारे में सोचती रहती है और उन्हीं के ख्यालों में खोई हुई रहती है उनका ध्यान घर के वातावरण पर बिल्कुल भी नहीं होता है। ऐसी औरत की यही पहचान होती है। इन लक्षणों के आधार पर ही पता चलता है कि वह औरत कई मर्दों से शारीरिक संबंध बना चुकी है। वह उस औरत का कई मर्दों के साथ अफेयर चल रहा है।

2 . शारीरिक संबंध बनाने के लिए मना करना : कई मर्दों से संबंध बना चुकी औरतो की पहचान होती है कि वह औरत अपने पति को शारीरिक संबंध बनाने के लिए मना करती है या फिर आनाकानी करती है।

3 . पिछवाड़ा का बड़ा होना : कई मर्दों से संबंध बन चुकी औरत की पहचान होती है कि उसे औरत का पिछवाड़ा यानी कि कुल्हे धीरे-धीरे बड़े होने लगते हैं। कुल्हों का आकार सामान्य से बड़ा होने लगता है।

4 . शारीरिक संबंध की इच्छा नहीं होना : जो औरत कई मर्दों के साथ संबंध बनाती है उसे औरत की जल्दी से शारीरिक संबंध की इच्छा नहीं होती है । जब पति उसे शारीरिक संबंध के लिए बोलता है तब वह उसे मना कर देती है।

5 . पति के पास में नहीं जाना : जो औरत कई मर्दों के साथ शारीरिक संबंध बनाती है वह औरत अपने पति के पास नहीं जाती है और अपने पति से शारीरिक संबंध की पेहल नहीं करती है।

6 . अंगों में उत्तेजना नहीं आना : कई मर्दों से संबंध बन चुकी औरत के साथ जब शारीरिक संबंध बनाए जाते हैं उस समय उसे औरत के यौन अंगों में उत्तेजना नहीं आती हो और ना ही वह प्लेजर महसूस करती है।

चाणक्य नीति स्त्री के सम्बन्ध में Chanakya niti stri ke sambandh mein

चाणक्य नीति स्त्री के सम्बन्ध में Chanakya niti stri ke sambandh mein . चाणक्य ने स्त्री के संबंध में चाणक्य नीति में अनेक विशेष बातें बताई है।

1 . स्त्री के संबंध में चाणक्य ने कहा है की जो स्त्री बड़ों का सम्मान और आदर करती है और छोटे के साथ प्रेम के साथ व्यवहार और बातचीत करती है उसे स्त्री से शादी कर लेना चाहिए ।

2 . स्त्री के संबंध में चाणक्य ने कहा है कि जो स्त्री पति का मान सम्मान करती है, आदर करती है और बहुत ज्यादा प्रेम करती है। इस प्रकार की स्त्री से लड़ाई झगड़ा होने पर भी सुलेह कर लेना चाहिए क्योंकि ऐसी स्त्री बुरे समय में साथ देने वाली होती है।

3 . चाणक्य के अनुसार व्यक्ति को ऐसी स्त्री से विवाह करना चाहिए जो की शरीर से ज्यादा मन से प्रेम करती हो। क्योंकि शारीरिक सुंदरता तो एक दिन खत्म हो जाती है । जो स्त्री मन से प्रेम करती है वह बदसूरत होने पर भी हमेशा आपके साथ रहती है।

4 . स्त्री के संबंध में चाणक्य से कहते कि इस प्रकार की स्त्री से विवाह करना चाहिए जो की धार्मिक प्रवृत्ति की हो । धार्मिक परवर्ती की स्त्री से विवाह करने पर व्यक्ति का भाग्य उदय होता है।

5 . स्त्री के संबंध में चाणक्य ने कहा है कि स्त्री में भूख पुरुष से दो गुना ज्यादा होती है और लज्जा चार गुना ज्यादा होती है और काम 8 गुणा ज्यादा होता है ।

6 . स्त्री के संबंध में चाणक्य ने बताया है कि जो स्त्री धन संचय करने में माहिर होती है इस प्रकार की स्त्री से शादी कर लेना चाहिए। क्योंकि इस प्रकार की स्त्री हमेशा धन संचय करके रखती है और बुरे समय में संचय किया हुआ धन आपके काम आता है।

7 . स्त्री के संबंध में चाणक्य ने बताया है कि जो स्त्री बात-बात पर गुस्सा करती है लड़ाई झगड़ा करती है अपशब्द बोलती है इस प्रकार की स्त्री को त्याग देना चाहिए ।

8 . स्त्री के संबंध में चाणक्य ने बहुत ही महत्वपूर्ण बात कहि है कि जो स्त्री वेश्या होती है उसके सामने कभी भी अपना दुख दर्द नहीं बताना चाहिए। क्योंकि वह स्त्री धन की लालची होती है उसे दुख दर्द से कोई लेना-देना नहीं होता है।

9 . स्त्री के संबंध में चाणक्य ने कहा है कि यदि कोई स्त्री सुंदर नहीं है और बदसूरत है लेकिन उसमें संस्कार और गुण है तो इस प्रकार की स्त्री से शादी कर लेना चाहिए। इस प्रकार की स्त्री घर को स्वर्ग बना देती है।