हस्तिनी नारी की पहचान। पद्मिनी, चित्रिणी, शंखिनी और हस्तिनी महिलाओं की पहचान कैसे करें ।

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कामसूत्र ग्रंथ में महिलाओं के मुख्य रूप से तिन भेद बताए गए हैं. उनमें से एक भेद हस्तिनी का भी है। कामसूत्र में महिलाओं की योनि व आकार ( चौड़ाई ) के आधार पर तिन भेद बनाए गए हैं। इन तिन भेद से यह पता चलता है कि पुरुष को अपने अनुसार किस भेद की स्त्री से या फिर महिला से विवाह करना चाहिए। पुरुष के प्राइवेट पार्ट की लंबाई के आधार पर ही उस जाति की महिला का शादी के लिए चुनाव किया जाता है ।

इस आर्टिकल में मैं आपको हस्तिनी नारी की पहचान और लक्षण के बारे में बताऊंगा। इन लक्षणों के आधार पर आप पहचान सकते हैं कि यह नारी हस्तिनी जाति की है । इसके अलावा बाकी जाति की नारियों के लक्षण भी बताऊंगा जिससे कि आप उन्हें भी पहचान पाएंगे ।

स्त्री और पुरुष कितने प्रकार के होते हैं stri aur purush kitne prakar ke hote Hain

वात्स्यायन द्वारा लिखित कामसूत्र के अनुसार स्त्री और पुरुष तीन तीन प्रकार के होते हैं। पुरुष के तीन प्रकार छोटे, बड़े और मध्यम आकार के लिंग के आधार पर बताए गए हैं । जबकि स्त्री के तीन प्रकार योनि की गहराई, चौड़ाई को आकर के आधार पर बताए गए हैं ।

स्त्री के तीन प्रकार stri ke teen prakar

1 . मृगी
2 . बड़वा
3 . हस्तिनी

पुरुष के तीन प्रकार purush ke teen prakar

  1. शश (खरगोश)
  2. वषृ ( बैल )
  3. अश्व ( घोड़ा )

हस्तिनी नारी की पहचान hastini Nari ki pahchan

हस्तिनी नारी की पहचान और लक्षण: हस्तिनी जाति की नारी का शरीर बाकी महिलाओं के मुकाबले थोड़ा मोटा होता है। हस्तिनी जाति की नारी के बाल सुनहरे रंग के होते है। हस्तिनी जाति की नारी बाकी महिलाओं के मुकाबले खाना ज्यादा खाती है । हस्तिनी की महिलाओं का शरीर दूसरी महिलाओं से थोड़ा गोरा होता है । हस्तिनी नारी की पहचान यह है कि हस्तिनी जाति की नारी कद में छोटी और गर्दन झुकी हुई होती है। हस्तिनी जाति की नारी की चाल थोड़ी धीमी होती है। इस जाति की महिलाएं बाकी महिलाओं के मुकाबले चलते समय थोड़ी धीरे गति से चलती है ।

हस्तिनी नारी की पहचान यह होती है कि हस्तिनी नारी की योनि की गहराई और चौड़ाई 12 इंच होती है । इस प्रकार की नारी को अश्व जाति के पुरुष ही संतुष्ट कर सकते हैं , क्योंकि अश्व जाति के पुरुष के लिंग की लंबाई 12 इंच होती है। इसीलिए काम शास्त्र के अनुसार हस्तिनी जाति की नारी को अश्व जाति के पुरुष के साथ विवाह करना चाहिए ताकि उनका वैवाहिक जीवन खुशहाल बना रहे ।

हस्तिनी जाति की नारी की एक और पहचान यह है कि इनके होंठ सामान्य से थोड़े मोटे होते हैं। हस्तिनी जाति की महिलाएं स्वभाव में मीठी बोलने वाली होती है। हस्तिनी जाति की महिलाओं का लक्षण यह है कि यह महिलाएं पुरुषों को जल्दी से अपनी और आकर्षित कर लेती है । हस्तिनी जाती की महिलाएं मिलनसार स्वभाव की होती है और सबके साथ घुल मिलकर के रहती है । हस्तिनी जाति की नारी के बालों की लंबाई थोड़ी कम होती है ।

हस्तिनी महिला विशेषताएं hastini mahila ki visheshtaen

hastini woman characteristics हस्तिनी महिला विशेषताएँ । हस्तिनी महिला की पहली विशेषता यह है कि हस्तिनी महिला के कंधे चोड़े और मजबूत होते हैं। हस्तिनी महिला की दूसरी विशेषता यह है कि इनका शरीर मजबूत और हथिनी के समान मोटा होता है।

हस्तिनी महिलाओं का स्वभाव बार-बार बदलता रहता है वह किसी एक स्वभाव में कभी नहीं रह सकती है। हस्तिनी जाती की महिलाओं में भोग विलास का गुण ज्यादा होता है। जो महिलाएं हस्तिनी जाति की होती है वह भोजन अधिक ग्रहण करती है। इसके अलावा इस जाति की महिलाएं आलसी भी काफी ज्यादा होती है।

हस्तिनी जाति की महिलाओं का स्वभाव थोड़ा क्रोधी होता है वह जल्दी से क्रोधित हो जाती है। हस्तिनी जाती की महिलाओं की एक और विशेषता यह है कि इन महिलाओं के लड़के ज्यादा होते हैं और लड़कियां कम पैदा होती है। हस्तिनी जाती की महिलाओं में धर्म-कर्म की रुचि कम होती है और भोजन अधिक पसंद होता है।

औरतें कितने प्रकार की होती हैं nari kitne prakar ki hoti hai

कामशास्त्र के अनुसार मुख्य रूप से तीन प्रकार की होती है। कामशास्त्र के अनुसार औरतों को तीन भागों में योनि की गहराई और चौड़ाई के आधार पर बांटा गया है ।

1 . मृगी – हिरनी के समान अंग वाली नारी
2 . बड़वा – घोड़ी के समान अंग वाली नारी
3 . हस्तिनी – हथिनी के समान अंग वाली नारी

स्त्री कितने प्रकार की होती है stri kitne prakar ki hoti hai

वात्स्यायन ने द्वारा लिखित कामसूत्र में महिला और पुरुष को तीन-तीन प्रकार में बांटा गया है।
महिला और पुरुष के तीनों प्रकार, लिंग की और योनि की लंबाई, गहराई, चौड़ाई और आकर के आधार पर बताए गए हैं ।

1 . हिरनी जाति की स्त्री
2 . घोड़ी जाति की स्त्री
3 . हथिनी जाति की स्त्री

chitrini woman characteristics चित्रिणी महिला की विशेषताएं

चित्रिणी जाति की महिलाओं की पहचान कैसे करें ? chitrini woman characteristics चित्रिणी महिला की विशेषताएं । चित्रिणी जाति की महिलाओं के लक्षण ।

चित्रिणी नारी की पहचान : चित्रिणी जाति की महिलाएं धार्मिक और पतिव्रता होती है । चित्रिणी जाति की नारी अपने लोगों से और अपने परिवार के लोगों से प्रेम और स्नेह करने वाली होती है। चित्रिणी जाति की महिलाएं कम भोग विलास वाली और कार्य को बहुत जल्दी पूरा करने वाली होती है। इस जाति की नारी बहुत अधिक श्रृंगार करती है और सजती संवरती है। चित्रिणी महिला अधिक मेहनत वाले काम करने से कतराती है लेकिन इनकी बुद्धि बहुत तेज होती है और यह ज्ञानी भी बहुत होती है।

चित्रिणी जाति की नारी का शरीर दुबला पतला होता है । वह शरीर से ज्यादा मोटी नहीं होती है। चित्रिणी जाति की महिलाओं की चाल मंद गति की धीमी होती है। चित्रिणी जाति की नारी मध्यम कद की और पतली कमर की होती है ‌। इस जाति की महिलाओं के बाल काले और आवाज मधुर और प्यारी होती है ।

पद्मिनी नारी की विशेषताएं padamni nari ki visheshtaen

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पद्मिनी नारी की आंखें हिरनी के समान होती है। पद्मिनी नारी का चेहरा गोल होता है। पद्मिनी नारी की विशेषता यह है कि पद्मिनी नारी भोजन कम ग्रहण करती है । पद्मिनी जाति की नारी के शरीर से खिले हुए कमल फूल के जैसी खुशबू आती है। पद्मिनी किस्म की नारीयां लज्जापूर्ण और स्वाभिमानी होती है। पद्मिनी जाति की महिलाओं को सुंदर-सुंदर और नए-नए कपड़े पहनना पसंद होता है ।

शंखिनी नारी की विशेषताएं shankhini nari ki visheshtaen

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शंखिनी जाति की नारी का स्वभाव क्रोधी होता है। शंखिनी जाति की महिलाएं चलते समय तेज गति से चलती है। शंखिनी जाती की महिलाओं की विशेषता यह होती है कि ऐसी महिलाएं ना तो ज्यादा भोजन करती है और ना ही कम भोजन करती है। इस प्रकार की महिलाएं सम आहार करती है । इस जाति की महिलाओं के बाल काले होते हैं घने होते हैं और लंबे होते हैं। शंखिनी जाति की नारी को लाल रंग से जुड़ी हुई चीज पसंद होती है ।