रामायण के 5 बड़े झूठ Ramayan ke 5 bade jhooth रामायण एक काल्पनिक ग्रन्थ . रामायण सच है या झूठ. रामायण में झूठ क्या है

रामायण के 5 बड़े झूठ Ramayan ke 5 bade jhooth . रामायण एक काल्पनिक ग्रन्थ Ramayan ek kalpanik Granth hai . रामायण सच है या झूठ ramayan sach hai ya jhooth . रामायण में झूठ क्या है Ramayan mein jhooth kya hai . रामायण और महाभारत के रचयिता कौन है Ramayan aur Mahabharat ke rachyita kaun hai . रामायण के रचयिता कौन है हिंदी Ramayan ke rachyita Kaun hai Hindi . रामायण का दूसरा नाम क्या है Ramayan ka dusra naam kya hai . kya ramayan kalpanik hai . रामायण एक काल्पनिक ग्रंथ है . ramayan sach hai ya jhooth . ramayan kalpanik hai ya vastavik . रामायण के अनसुने किस्से

रामायण के 5 बड़े झूठ Ramayan ke 5 bade jhooth

रामायण से जुड़े हुए झूठ के बारे में बात करेंगे । रामायण के कुछ ऐसे झूठ है जो कि लोगों ने बढ़ा चढ़कर के बताया है । वास्तव में वह झूठ नहीं है। लेकिन लोगों के पास इनका कोई भी उत्तर नहीं है और प्रमाण नहीं है इसलिए वह हमारे धर्म संस्कृति को गलत साबित करने के लिए इस तरह के झूठ फैला रहे हैं ताकि हम अपने धार्मिक ग्रंथो को ना मानें । रामायण के बारे में इंटरनेट पर जो झूठ फैलाया जा रहा है इससे हमारे धार्मिक ग्रंथो का अपमान हो रहा है । रामायण के प्रति और भगवान श्री राम के प्रति लोगों की काफी गहरी श्रद्धा विश्वास को आस्था है। जिनको कुछ अधार्मिक लोग ठेस पहुंचा रहे हैं और उन्हें गलत साबित करने की कोशिश कर रहे हैं।

कुछ लोग इतने अधार्मिक हो गए हैं जो की रामायण जैसे पवित्र ग्रंथ को भी मानने से इनकार कर रहे हैं और रामायण के अस्तित्व पर भी सवाल उठा रहे हैं जबकि इसके कई साक्ष्य और प्रमाण इंटरनेट पर मौजूद हैं । नासा ने भी रामायण से जुड़े हुए कई साक्ष्य और प्रमाण दिए हैं और बताया है कि यह घटनाएं रामायण से जुड़ी हुई है।

रामायण के 5 बड़े झूठ Ramayan ke panch bade jhooth

रामायण के 5 बड़े झूठ को बहुत ही सोच समझ करके फैलाया गया है ताकि रामायण के प्रति लोगों की आस्था कम हो जाए। रामायण के 5 बड़े झूठ को इसलिए फैलाया गया है ताकि भगवान श्री राम के प्रति लोगों की आस्था कम हो जाए, वह भगवान श्री राम को लोग मानना बंद कर दें। रामायण के 5 बड़े झूठ, झूठ है ही नहीं बल्कि यह तो एक षड्यंत्र है । इस षड्यंत्र का मकसद है भगवान श्री राम के अस्तित्व को नकारना।

रामायण के 5 बड़े झूठ को बहुत ही सोच समझकर के फैलाया गया है। रामायण के 5 बड़े झूठ को फैलाने का मकसद यह है कि वह हमारे हिंदू धर्म को बदनाम करना चाहते हैं। रामायण के 5 बड़े झूठ को फैलाकर यह लोग अपनी संस्कृति पर सवाल उठा रहे हैं।

रामायण के 5 बड़े झूठ Ramayan ke 5 bade jhooth

1 . रामायण एक काल्पनिक ग्रन्थ
2 . कुम्भकरण की निद्रा
3 . पुष्पक विमान आज भी मौजूद
4 . हनुमान जी का हवा में उड़ना
5 . हनुमान जी का छोटा बड़ा होना
6 . राम सेतु के पत्थर का पानी में तैरना
7 . हनुमान जी का हल्का और भारी होना
8 . लक्ष्मण 14 साल तक वनवास में नहीं सोए थे
9 . हनुमान जी द्वारा द्रोणागिरी पर्वत को उठाकर लाना और ले जाना

रामायण एक काल्पनिक ग्रन्थ Ramayan ek kalpanik Granth hai

रामायण एक काल्पनिक ग्रन्थ : आज असामाजिक तत्व इस हद तक हमारे समाज पर हावी होते जा रहे हैं कि वह रामायण जैसे पवित्र ग्रंथ पर सवाल उठने लगे हैं आखिरकार यह लोग हैं कौन? जो कि हमारे रामायण पर और भगवान श्री राम पर अंगुली उठा रहे हैं। कुछ अधार्मिक लोग ऐसे हैं जो की रामायण को मानने से भी इंकार कर रहे हैं और वह रामायण को एक काल्पनिक ग्रंथ मान रहे हैं जबकि ऐसा कुछ नहीं है रामायण के हजारों साल से मौजूद है जिसके चलते हुए भी वह रामायण पर सवाल उठा रहे हैं। आप सभी से यही आग्रह है की रामायण पर और रामायण जी पर गलत सवाल उठा करके हमारे धर्म और संस्कृति को बदनाम ना करें और इस खतरे में ना डालें ।

रामायण कोई काल्पनिक ग्रंथ नहीं है बल्कि यह एक सच्ची घटना पर आधारित ग्रंथ है जिनके हजारों साक्ष्य मौजूद हैं। रामायण को वही लोग काल्पनिक बता रहे हैं जो की रामायण और भगवान श्री राम से जलते हैं और घृणा करते हैं।

कुम्भकरण की निंद kumbhkaran ki nind

कुम्भकरण की निंद : कुंभकरण की 6 महीने की नींद को लेकर भी लोग सवाल उठा रहे हैं कि कोई भी व्यक्ति 6 महीना तक कैसे सो सकता है। इस झूठ को लोग काफी बढा चढ़ा करके फैला रहे हैं ताकि हम रामायण पर विश्वास ना करें और रामायण को ना मानें। हमारे योग शास्त्र में ऐसी मुद्राओं का वर्णन मिलता है जिसमें व्यक्ति अपने श्वास को लंबे समय तक रोक सकता है और ध्यान निद्रा में जा सकता है। योग निद्रा नामक आसन के माध्यम से भी व्यक्ति लंबे समय तक श्वास रोक सकता है। इसके अलावा हमारे ग्रंथो में निद्रा देवी के नाम से देवी है जिसकी साधना और आराधना से कोई भी व्यक्ति लंबे समय तक सो सकता है कुंभकरण की तरह ।

इस तरह का एक और किस्सा महाभारत में मिलता है। महाभारत में एक व्यक्ति ऐसा था जो की एक गुफा में हजारों सालों से सोया हुआ था । श्री कृष्ण ने राक्षस का वध करने के लिए एक चाल चली और उसे व्यक्ति के हाथों राक्षस का वध करवाया था।

योग निद्रा, ध्यान योग, निद्रा देवी जैसी साधना, योग के माध्यम से व्यक्ति हजारों सालों तक सो सकता है । यह बिल्कुल संभव है । लेकिन आज के लोगों के पास इसका ज्ञान नहीं है और ना ही उनके पास कोई परमाणु और साक्ष्य नहीं हैं इसलिए वह इसे झूठा साबित करने पर तूले हुए हैं ।

पुष्पक विमान आज भी मौजूद Pushpak viman Aaj bhi maujud hai

पुष्पक विमान आज भी मौजूद : कुछ लोगों का ऐसा मानना है कि पुष्पक विमान आज भी मौजूद है इस पर काफी सारे लोग सवाल करते हैं कि पुष्पक विमान यदि मौजूद है तो वह है कहां पर ? लंका नगरी पर्वत और गुफाओं से और खंडहरों से गिरी हुई है। उनमें ऐसी बहुत सारी गुफाएं हैं जिनके बारे में लोगों को जानकारी नहीं है । ऐसी ही गुफा में पुष्पक विमान को कहीं छुपाया गया है और इसकी रक्षा अदृश्य शक्तियां कर रही है । जिसके कारण आज का मनुष्य वहां तक पहुंच नहीं पा रहा है। लंका के पर्वतों की बंद गुफाओं में पुष्पक विमान मौजूद है । लेकिन वहां तक कैसे पहुंच जाए और कहां पर है और कौन सी कंदरा में है इसकी जानकारी अभी तक नहीं है।

हनुमान जी का हवा में उड़ना Hanuman ji ka hawa mein udana

काफी सारे लोग यह झूठ फैला रख रहे हैं कि कोई व्यक्ति हवा में कैसे उड़ सकता है। जबकि रामायण में हनुमान जी हवा में उड़ रहे हैं। वह हवा में उड़ने वाली इस बात को झूठ मान रहे हैं। उनका कहना है कि कोई भी व्यक्ति हवा में नहीं उड़ सकता है। हमारे योग शास्त्र में बहुत सारे ऐसे योगों का वर्णन मिलता है जिसके माध्यम से व्यक्ति हवा में उड़ सकता है इसके लिए परिष्कर्त साइंस की जरूरत पड़ती है जो कि आज के मनुष्य के पास नहीं है।

हनुमान जी का छोटा बड़ा होना Hanuman ji ka Chhota hona aur bada hona

हनुमान जी का छोटा बड़ा होना : रामायण में कुछ ऐसी बातें बताई गई है कि हनुमान जी चींटी जितने छोटे हो सकते हैं और पर्वत जितने बड़े हो सकते हैं यानी कि हनुमान जी अपने मन के मुताबिक आकार धारण कर सकते थे। वह जितना चाहे छोटा हो सकते थे और जितना चाहे बड़े हो सकते थे।

ऐसा ही एक उदाहरण भगवान विष्णु से जुड़ा हुआ मिलता है । हमारे ग्रंथो में लिखा गया है कि वामन अवतार के समय भगवान विष्णु वामन का रूप धारण करके आए थे और तीन पैर धरती राजा बलि से मांग करके तीनों लोक अपने पैरों से नाप लिए थे ।

हमारे रसायन शास्त्र और योग शास्त्र में ऐसी क्रिया का वर्णन मिलता है जिससे कि व्यक्ति छोटा बड़ा हो सकता है । लेकिन इसके लिए लंबे समय तक प्रयास करना पड़ता है और उसका ज्ञान प्राप्त करना पड़ता है।

राम सेतु के पत्थर का पानी में तैरना ramsetu ke pathar ka Pani mein tairna

राम सेतु के पत्थर का पानी में तैरना : रामसेतु के पत्थर पानी में तैरते हैं। इस बात को भी लोग नहीं मान रहे हैं और उसे झूठा साबित करने पर अड़े हुए हैं। उनका मानना है कि पत्थर पानी में कैसे तैर सकता है। वह इस घटना को रामायण से जोड़कर के बिल्कुल भी नहीं मानते हैं। जबकि नासा ने हाल ही में एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें बताया है कि एडम्स ब्रिज ही प्राचीन समय में राम सेतु था ।

लक्ष्मण 14 साल तक वनवास में नहीं सोए थे Lakshman 14 sal Tak vanvas mein nahin soye the

कुछ असामाजिक तत्वों के द्वारा यह झूठ फैलाया जा रहा है कि लक्ष्मण 14 साल तक वनवास में नहीं सोए थे यह कैसे हो सकता है । कोई भी व्यक्ति 14 साल तक बिना सोए कैसे रह सकता है। ऐसा संभव भी है और ऐसा हो भी सकता है। यह वही योग निद्रा और निद्रा देवी की विधा है जिसके बल पर कुंभकरण 6 महीने तक सोता था । इसी विद्या के बल पर लक्ष्मण वनवास के समय में 14 साल तक बिना सोए रहा था ।

हनुमान जी द्वारा द्रोणागिरी पर्वत को उठाकर लाना और ले जाना

मेघनाथ ने जब लक्ष्मण पर शक्तिबाण का प्रहार किया तब लक्ष्मण मूर्छित हो गए थे । उसके बाद हनुमान जी ने लंका से सुषेण वैद्य को लाये और सुषेण वैद्य ने इसका उपाय संजीवनी बूंटी बताया जो कि उसे समय द्रोणागिरी पर्वत पर मौजूद थी।

जब हनुमान जी द्रोणागिरी पर्वत पर संजीवनी बूटी लाने गए, तब इतनी सारी जड़ी बूटियां को देखकर वह समझ ही नहीं पाये कि संजीवनी बूंटी कौन सी है। तब वह पूरा का पूरा द्रोणागिरी पर्वत ही उठाकर के ले आये थे।

कुछ लोग इसको झूठ मानते हैं कि कोई व्यक्ति कैसे पर्वत को उठा सकता है। हनुमान जी बहुत ही ज्यादा शक्तिशाली थे। वह अपनी मर्जी के मुताबिक आकार धारण कर सकते थे और मर्जी के मुताबिक हल्के और भारी हो सकते थे । इसी बल के सहारे वह द्रोणागिरी पर्वत को उठा पाए थे और लेकर के आ पाये थे।

रामायण सच है या झूठ ramayan sach hai ya jhooth

रामायण सच है या झूठ ( ramayan sach hai ya jhooth ) : रामायण एकदम सच है। रामायण में बताई गई प्रत्येक बात सच है। रामायण की एक एक भी बात झूठ नहीं है । महर्षि वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण की एक-एक बात सच है। कुछ ऐसे असामाजिक और अधार्मिक लोग हैं जो की रामायण को झूठ बता रहे हैं । उनके मुताबिक रामायण जैसा कोई ग्रंथ है ही नहीं। जबकि सच्चाई तो यह है कि रामायण अतीत में घटित एक सच्ची घटना है जो कि हमें अपने जीवन में बहुत कुछ सिखाती है और जीवन में आगे बढ़ने के नये रास्ते भी दिखती है।

रामायण में झूठ क्या है Ramayan mein jhooth kya hai

रामायण में झूठ क्या है : रामायण में कुछ भी झूठ नहीं है । रामायण एकदम सच है । रामायण यदि झूठ है और रामायण की घटना झूठ है तब तो सभी धार्मिक ग्रंथ झूठे है। रामायण कैसे झूठ हो सकता है ! यदि रामायण झूठ होता तो लोग इतने बड़े स्तर पर भगवान राम को क्यों मानते ! यदि रामायण नहीं होती तो भगवान राम का अस्तित्व कैसे हैं ? यदि रामायण झूठ है तब वह लंका और रामसेतु कहां से आ गया फिर । इसलिए रामायण झूठ नहीं है। रामायण को झूठा कहने वाले लोग झूठे हैं पाखंडी है और अधार्मिक हैं जो कि हमारे समाज में गलत संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं और हमारे धार्मिक ग्रंथो के प्रति आस्था और विश्वास को कम करने की कोशिश कर रहे हैं।

रामायण और महाभारत के रचयिता कौन है Ramayan aur Mahabharat ke rachyita kaun hai

रामायण और महाभारत के रचयिता अलग-अलग हैं। रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि है जबकि महाभारत के रचयिता वेदव्यास जी है । रामायण महर्षी वाल्मीकि ने लिखी थी। जबकि महाभारत महर्षि वेदव्यास जी ने लिखी थी ।

रामायण के रचयिता कौन है हिंदी Ramayan ke rachyita Kaun hai Hindi

रामायण के रचयिता कौन है हिंदी : उत्तर – रामायण के रचयिता मर्सी वाल्मीकि जी हैं । महर्षि वाल्मीकि के द्वारा ही रामायण लिखी गई थी। उसके बाद रामायण तुलसीदास जी के द्वारा भी लिखी गई थी तुलसीदास जी ने इस रामायण को आसान भाषा में लिखा था ।

रामायण का दूसरा नाम क्या है Ramayan ka dusra naam kya hai

उत्तर : आदिकाव्य । रामायण का दूसरा नाम आदिकाव्य है । रामायण में वैदिक संस्कृति और लोक संस्कृति का मिश्रण मिलता है यानी की रामायण में वैदिक संस्कृति भी है और लोक संस्कृति भी है। रामायण में इन दोनों संस्कृतियों का संगम देखने को मिलता है।

kya ramayan kalpanik hai क्या रामायण काल्पनिक है

kya ramayan kalpanik hai : उत्तर – नहीं । रामायण कोई काल्पनिक ग्रंथ नहीं है । रामायण सच्ची घटना पर आधारित ग्रंथ है। रामायण भगवान राम की सच्ची घटना पर आधारित सच्चा ग्रंथ है। रामायण में भगवान विष्णु की लीलाओं का वर्णन किया गया है। भगवान श्री राम भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं। इसीलिए रामायण कोई काल्पनिक ग्रंथ नहीं है रामायण की प्रत्येक घटना एकदम सच घटना है।

रामायण एक काल्पनिक ग्रंथ है Ramayan ek kalpanik Granth hai

रामायण एक काल्पनिक ग्रंथ है : हमारे समाज के बीच में यह भ्रम फैलाया जा रहा है की रामायण एक काल्पनिक ग्रंथ है और बहुत सारे लोग इसको मान भी रहे हैं और इस पर विश्वास भी कर रहे हैं । जबकि वह इसकी सच्चाई को जानने की कोशिश नहीं कर रहे हैं और ना ही वह इसकी जड़ तक पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। बहुत सारे लोग इस भ्रम का शिकार भी हो रहे हैं की रामायण एक काल्पनिक ग्रंथ है , जबकि ऐसा कुछ नहीं है। रामायण एक काल्पनिक ग्रंथ है ऐसा के करके लोग भगवान राम के प्रति आस्था, विश्वास, श्रद्धा और धर्म को ठेस पहुंचा रहे हैं।

ramayan sach hai ya jhooth रामायण सच है या झूठ

ramayan sach hai ya jhooth : रामायण सच है यह कोई झूठ नहीं है। रामायण को लोग कितने सालों से सुनते आ रहे हैं और पढ़ने आ रहे हैं और इस पर लोगों का विश्वास भी है आस्था भी है इसके अलावा हमारे धर्म का भी एक विषय है। यदि रामायण झूठा होता तो तुलसीदास जी इस पर अपना दूसरा ग्रंथ कभी नहीं लिखते । आप देखेंगे कि तुलसीदास जी की द्वारा भी एक रामायण लिखी गई है क्या वह भी झूठी है ।

ramayan kalpanik hai ya vastavik रामायण काल्पनिक है या वास्तविक

ramayan kalpanik hai ya vastavik : रामायण वास्तविक है रामायण कोई काल्पनिक नहीं है। काफी सारे लोग यह भी सवाल करते हैं कि ramayan kalpanik hai ya nahin . उन सभी की जानकारी के लिए हम बता देते हैं की रामायण काल्पनिक नहीं है ।

रामायण के अनसुने किस्से Ravan ke ansune kisse

रामायण के अनसुने किस्से : 1 . पूरी रामायण में आपको राम की बहन का वर्णन नहीं मिलता है लेकिन भगवान श्री राम की एक बहन भी थी

2 . राजा दशरथ को पुत्र वियोग का श्राप श्रवण के माता-पिता से मिला था । इसी श्राप के कारण राम और लक्ष्मण को वनवास जाना पड़ा था और दशरथ को पुत्र वियोग सेहना पड़ा था ।

3 . राम लक्ष्मण और सीता के वनवास के समय में अयोध्या पर 24 बार आक्रमण किए हुए थे इन आक्रमण को संभालने के लिए शत्रुघ्न अयोध्या जाते थे ।

4 . विश्वामित्र ने भगवान श्री राम और लक्ष्मण को अतिबला नामक विद्या सिखाई थी जिसके कारण भगवान श्री राम और लक्ष्मण को भूख प्यास नहीं लगती थी ।